वृत्तपत्रछायाचित्रकार म्हणून काम करताना ब-याच वेळा स्टेज इव्हेंट कव्हर करावे लागतात. ते करताना सर्वात आव्हानात्मक असतं ते दिव्यांची उघडझाप सांभाळणं. स्टेजवर चाललेल्या नृत्याच्या ठेक्याप्रमाणे स्टेजवरचे दिवेही कधी प्रखर होतात, तर कधी मंद. त्यामुळे कॅमे-याच्या रीडिंगमध्ये फरक पडतो. साहजिकच छायाचित्रं टिपणं अवघड बनतं. डिस्को लाइटची उघडझाप होत असल्याने फोकस शिफ्ट होतो, मग अशा वेळी अत्याधुनिक कॅमेरा असूनही मॅन्युअल फोकसचा वापर करावा लागतो. बदलते लाइट्स आणि कमी-जास्त होणा-या प्रकाशात कॅमे-याचं रीडिंग, फोकस, नृत्याची मूव्हमेंट हे सर्व सांभाळणं म्हणजेच छायाचित्रकारांसाठी तारेवरची कसरत असते. ती साधत मुंबईत नुकत्याच पार पडलेल्या कोकणातल्या लोककलांचं सादरीकरण करणा-या ‘रंगारंग २०१३’ची टिपलेली ही काही छायाचित्रं..
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